Miscarriage Treatment
Miscarriage Treatment :
दोस्तों कुछ आयुर्वेदिक या देशी जड़ी बुंटियो से गर्भपात या मिसकैरेज का इलाज कुछ हद तक संभव है. आयुर्वेद में कुछ ऐसे देशी नुक्खे है जो गर्भपात या मिसकैरेज को रोकने मे सहायक है.
गर्भपात या मिसकैरेज रोकने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय -
गर्भपात या मिसकैरेज रोकने के कुछ महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक देशी उपाय निम्नलिखित हैं-
1- गर्भपात या मिसकैरेज को रोकने का पहला उपाय हैं की पीपल की बड़ी कंटकारी की जड को अच्छी तरह से पीस लें. अब एक गिलास भैंस का दूध लें और उसके साथ पीपल की बड़ी कंटकारी की जड़ के चुर्ण को फांक लें. रोजाना दूध के साथ इस चुर्ण का सेवन करने से गर्भपात होने की सम्भावना कम हो जाती हैं.
2- गर्भपात या मिसकैरेज को रोकने उपाय के लिए गाय का दूध और जेठीमधु दोनों को मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें. अब इस को पी लें. आप इस काढ़े को अपनी नाभि के निचे के भाग पर भी लगा सकते हैं. काढ़े का सेवन करने से तथा काढ़े को नाभि के निचेले भाग पर लगाने से महिला को गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी.
3- 100 ग्राम अनार के ताजा पत्ते पीसकर पानी में छानकर पीने से तथा इन पत्तों का रस पेडूपर लेप की तरह लगाने से गर्भस्राव रुक जाता है.
4- गर्भपात या मिसकैरेज को रोकने के उपाय के लिए हरी दूब के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फूल तथा फल) को लें. अब इस पंचांग को अच्छी तरह से पीस लें. पिसने के बाद इसमें थोड़ी मिश्री और दूध को मिला लें. मिलाने के बाद इस मिश्रण से बना हुआ 250 से 300 ग्राम शर्बत का सेवन गर्भावस्था के दौरान करें. आपको लाभ होगा.
5- गर्भाशय की निर्बलता के कारण गर्भ नहीं ठहरता हो तथा गर्भस्राव या गर्भपात हो जाता हो तो कुछ सप्ताह ताजा सिंघाडे खाने चाहिए. इससे काफी लाभ होता है.
6- गर्भपात को रोकने के उपाय के लिए मूली के बीजों को अच्छी तरह से पीस लें. अब मूली के बीजों के चुर्ण को भीमसेनी कपूर तथा गुलाब के अर्क में मिला लें. अब इस चुर्ण को अपनी योनी में मलें. इस चुर्ण का प्रयोग गर्भावस्था में करने से महिला को बहुत ही फायदा होता हैं. अगर किसी महिला को गर्भा स्त्राव की समस्या हैं. तो वह इस चुर्ण का प्रयोग करके अपनी इस समय से छुटकारा पा सकती हैं.
6- गर्भपात को रोकने के उपाय के लिए मूली के बीजों को अच्छी तरह से पीस लें. अब मूली के बीजों के चुर्ण को भीमसेनी कपूर तथा गुलाब के अर्क में मिला लें. अब इस चुर्ण को अपनी योनी में मलें. इस चुर्ण का प्रयोग गर्भावस्था में करने से महिला को बहुत ही फायदा होता हैं. अगर किसी महिला को गर्भा स्त्राव की समस्या हैं. तो वह इस चुर्ण का प्रयोग करके अपनी इस समय से छुटकारा पा सकती हैं.
7- नाशपाती खाने से गर्भाशय की दुर्बलता दूर हो जाती है.
8- गर्भपात या मिसकैरेज को रोकने के उपाय के लिए महिलाएं नागकेसर, वंशलोचन तथा मिश्री का भो प्रयोग कर सकती हैं. इस समस्या से निदान पाने के लिए इन तीनों को मिलाकर खूब महीन चुर्ण पीस लें. अब एक गिलास दूध लें और उसके साथ 4 ग्राम चुर्ण रोजाना खाएं. आपको लाभ होगा.
9- अगर किसी महिला को गर्भ तारने के बाद गर्भ स्त्राव होने की समस्या से परेशान हैं. तो वह अशोक के पेड़ की छाल का उपयोग कर इस समस्या से निजात प् सकती हैं. इसके लिए अशोक के पेड़ की छाल को लें और उसका क्वाथ बना लें. अब इस क्वाथ का सेवन रोजाना करें. आपको गर्भ स्त्राव की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा.
10- गर्भपात या मिसकैरेज को रोकने के उपाय के लिए गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को रोजाना एक पके हुए केले को मथकर उसमें शहद मिलाकर खाना चाहिए. इससे गर्भाशय को लाभ होता हैं. तथा गर्भपात होने का भय भीं नहीं रहता.
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