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Dipration ke lakshan in hindi

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Dipration ke lakshan in hindi : आज युवा वर्ग में भी कई वजहों से डिप्रेशन की समस्या सामने आने लगी है।  हम पिछले लेख में चर्चा कर चुके हैं कि अवसाद या  डिप्रेशन क्या है  और इसके कारण क्या है? वैज्ञानिक और विशेषज्ञों ने डिप्रेशन के लक्षण भी बतायें जिन पर हम आगे चर्चा करेंगे जिससे आप डिप्रेशन के मरीज़ को आसानी से पहचान सकें और उसके साथ आत्मीयता का बर्ताव करें और उसे अपने इलाज और आदतों में सुधार के लिए पॉजीटिवली मोटीवेट करें। उदासी भरा मूड या मिज़ाज यदि किसी को उदास रहने की आदत-सी हो जाये और उसका मन किसी काम को करने में न लगे, किसी बात से उसे ख़ुशी न हो, किसी चीज़ से उसे ख़ुशी न हो और जब बात यहाँ तक आ जाये कि उसे अपने ग़म का एहसास भी न रहे तो यह स्थिति अवसाद बन जाती है। नकारात्मक सोच और विचार जब किसी व्यक्ति के मन में कुछ बुरा होने की आशंका हमेशा बनी रहे और उसका मन हमेशा नकारात्मक ही सोचे तो यह भी डिप्रेशन के लक्षण में से एक है। सोने-जगने के समय में बदलाव जब किसी व्यक्ति को बार-बार नाइटमेयर यानि बुरे सपने आने लगें और उसे नींद न आये तथा इसके उल्टी स्थिति में वह व्यक्ति ज़र

Miscarriage Treatment

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Miscarriage Treatment : दोस्तों कुछ आयुर्वेदिक या देशी जड़ी बुंटियो से गर्भपात या मिसकैरेज का इलाज कुछ हद तक संभव है. आयुर्वेद में कुछ ऐसे देशी नुक्खे है जो गर्भपात या मिसकैरेज को रोकने मे सहायक है. गर्भपात या मिसकैरेज रोकने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय - गर्भपात या मिसकैरेज रोकने के कुछ महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक देशी उपाय निम्नलिखित हैं- 1- गर्भपात या मिसकैरेज को रोकने का पहला उपाय हैं की पीपल की बड़ी कंटकारी की जड को अच्छी तरह से पीस लें. अब एक गिलास भैंस का दूध लें और उसके साथ पीपल की बड़ी कंटकारी की जड़ के चुर्ण को फांक लें. रोजाना दूध के साथ इस चुर्ण का सेवन करने से गर्भपात होने की सम्भावना कम हो जाती हैं. 2- गर्भपात या मिसकैरेज को रोकने उपाय के लिए गाय का दूध और जेठीमधु दोनों को मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें. अब इस को पी लें. आप इस काढ़े को अपनी नाभि के निचे के भाग पर भी लगा सकते हैं. काढ़े का सेवन करने से तथा काढ़े को नाभि के निचेले भाग पर लगाने से महिला को गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी. 3- 100 ग्राम अनार के ताजा पत्ते पीसकर पानी में छानकर पीने से तथा

Natural Remedies for Arthritis

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Natural Remedies for Arthritis : जोड़ों का दर्द जिसे मेडिकल की भाषा में आर्थराइटिस भी कहा जाता है, वह बीमारी होती है जिसमे दो हड्डियों के जोड़ पर दर्द होता है। जोड़ों में दर्द होना आर्थराइटिस के प्रारम्भिक लक्षण होते हैं हालांकि जोड़ो में दर्द का कारण कई अन्य बीमारियाँ भी हो सकती हैं। जोड़ों का दर्द चलें फिरने पे और भी अधिक बढ़ जाता है ऐसे कामों में जिनमे जोड़ो को मुड़ना पड़ता है, वे सारे काम दर्द को बढ़ाते हैं। घरेलू चिकित्सा द्वारा जोड़ों के दर्द को काफ़ी हद तक दूर किया जा सकता है और अगर नियमित रूप से इन्हें अपनाया जाए तो इस दर्द को दूर भी किया जा सकता है। जोड़ो के दर्द का सबसे आसान तरीका होता है कि जोड़ों को पर्याप्त आराम दिया जाये और चलने फिरने के काम कम किये जाएँ। कुछ व्यायाम भी इस दर्द से निपटने में सहायक होते हैं जिन्हें नियमित रूप से अपनाकर भी इस में आराम पाया जा सकता है। जोड़ों के दर्द से बचने की घरेलू चिकित्सा  1. तेल मालिश : दर्द वाली जगह पर गहराई से की गयी तेल की मालिश भी दर्द से छुटकारा पाने में एक असरदार तरीका है। जोड़ों के दर्द का तेल, किसी अच्छे तेल से लगातार 20 मिनिट

HEALTH BENEFITS OF APPLES

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HEALTH BENEFITS OF APPLES :          सभी फलों में सेब को सबसे लोकप्रिय फल माना जाता है कहा जाता है केवल एक सेब का रोज सेवन करने से आपको डॉक्टर्स के पास जाने की जरुरत नही पड़ती है तो आइये जानते है की सेब फलों में इतना  खास क्यों होता है और इसके सेवन से हमारे स्वास्थय पर क्या लाभ होता है  Apple Benefits For Stomach :                   रोज सुबह के समय सेब खाने से हमारे पेट को काफी फायदे होते है इसके खाने से हमारे पेट में जो गन्दगी स्टोर हो जाती है यह उस गन्दगी को साफ़ करने में पाचन तंत्रिकाओं की मद्दद करता है इसके साथ ही यह गुर्दों में या पित्त में होने वाली पथरी में भी हमारी सहायता करता है  Apple Benefits For Weight Loss :           यदि हम प्रतिदिन तीन से चार सेब का सेवन करते है तो हमें अतिरिक्त डाइट लेने की जरुरत नही पड़ती है इस से हमारे शरीर में fat की मात्र सिमित ही रहती है जिसे हमारा शरीर मोटापे से दूर रहता है सीके साथ ही शरीर काफी फिट और स्वस्थ भी रहता है  Apple Benefits For Skin :                       सेब में कई एंटी ओक्सिडेंट और कई प्रकार के पौष्टिक तत्व

amarbel ke fayde

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अमरबेल - amarbel plant :- अमरबेल के बारे में लगभग हर व्‍यक्ति जानता है लेकिन इसके औषधीय गुणों के बारे में कम लोग जानते हैं। विभिन्‍न प्रकार के रोगों को दूर करने में यह कारगर है। इसके गुणों की प्रशंसा जितनी भी की जाए कम ही है।  अमर बेल एक पराश्रयी (दूसरों पर निर्भर) लता है, जो प्रकृति का चमत्कार ही कहा जा सकता है। बिना जड़ की यह बेल जिस वृक्ष पर फैलती है, अपना आहार उससे रस चूसने वाले सूत्र के माध्यम से प्राप्त कर लेती है। अमर बेल का रंग पीला और पत्ते बहुत ही बारीक तथा नहीं के बराबर होते हैं। अमर बेल पर सर्द ऋतु में कर्णफूल की तरह गुच्छों में सफेद फूल लगते हैं। बीज राई के समान हल्के पीले रंग के होते हैं। अमर बेल बसन्त ऋतु (जनवरी-फरवरी) और ग्रीष्म ऋतु (मई-जून) में बहुत बढ़ती है और शीतकाल में सूख जाती है। जिस पेड़ का यह सहारा लेती है, उसे सुखाने में कोई कसर बाकी नहीं रखती है। खुजली की दवा अमरबेल को पीसकर लगा देने से किसी भी प्रकार की खुजली ख़त्‍म हो जाती है। बरसात या जाड़े में उंगलियों के बीच सफेद होने, खुजलाने या घाव होने पर इसके पौधे का रस दिन में 5-6 बार लगाने से राहत